गंगापुर सिटी
राज्यसरकार ने पांच साल पहले सरकारी अस्पताल को सौ बैड से 150 बिस्तरों के सामान्य चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया था लेकिन आबादी बढ़ने के साथ आउटडोर इनडोर पहले से दोगुना हो गया है। इसके चलते अभी भी 100 बेड और बढ़ाने की आवश्यकता है।
इस समय हालत यह है कि चिकित्सालय में 150 बेड कमरों में लगने के बावजूद एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों का उपचार हो रहा है। जबकि अस्पताल में अभी भी 100 बेड लगाने के लिए जगह उपलब्ध है। कमरा नंबर 31 दूसरी मंजिल पर एक बड़ा हॉल खाली पड़ा हुआ है लेकिन इस पर ताला लटक रहा है। हालांकि इस हॉल में कभी कभी बैठकें आयोजित होती हंै। अगर अस्पताल की क्षमता 100 बेड और बढ़ा दी जाए तो चिकित्सकों के अलावा नर्स प्रथम द्वितीय के पद भी बढ़ेंगे तथा लोगों को राहत मिलेगी साथ ही रेफर होने पर ब्रेक लग सकेगा। इसके अलावा चिकित्सालय में नए उपकरण मशीन भी उपलब्ध हो सकेगी।
चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों का भी इस ओर ध्यान नहीं है। दूसरी ओर अस्पताल भवन के आस-पास काफी जमीन बेकार पड़ी है लेकिन विभाग के अधिकारी यहां अस्पताल में आकर निरीक्षण तो कर जाते हैं पर समस्या की तरफ ध्यान नहीं देते हैं।
कक्षएक चिकित्सक तीन
सामान्यचिकित्सालय के चिकित्सक कक्षों की कमी के चलते वर्तमान में एक कक्ष में तीन चिकित्सकों को बैठकर मरीजों को देखना पड़ रहा है। मरीजों की भीड़ के कारण कक्षों की हालत यह हो जाती है कि चिकित्सक कक्षों में अंधेरा सा हो जाता है। कभी कभार चिकित्सक भी परेशान होकर कक्ष छोड़कर इधर-उधर चले जाते हैं। इसके बाद मरीज परेशान होते रहते हैं। डेढ़ सौ बेड का अस्पताल होने पर चिकित्सकों की संख्या में काफी इजाफा होने से परेशानी और बढ़ गई है। भीड़ के कारण रोगी चिकित्सक के बीच निजता भी नहीं रह पाती है। वहीं कार्यालय कर्मियों के लिए भी अलग से कोई कक्ष नहीं होने के कारण उन्हें असुविधा होती है।
चारविधानसभा क्षेत्रों का भार
सामान्यचिकित्सालय में चार विधान सभा क्षेत्रों के मरीज उपचार कराने आते हैं। इनमें गंगापुर सिटी के अलावा बामनवास, सपोटरा, टोडाभीम शामिल हैं। चिकित्सालय में औसतन 1200 से 1600 तक का आउटडोर प्रतिदिन का है जबकि 200 से 250 मरीजों का इनडोर है। मरीजों की भीड़ के चलते चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का आलम रहता है। गंगापुर सिटी की करीब दो लाख की आबादी तीन विधान सभा क्षेत्र के मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार को अस्पताल में बेड बढ़ाने की आवश्यकता है।
उच्चाधिकारियोंको अवगत करा दिया
सामान्यचिकित्सालय गंगापुर सिटी के पीएमओ डॉ. जी.बी.सिंह, का कहना है कि अस्पताल में खाली भूमि है। अगर सरकार इस भूमि दूसरी मंजिल पर भवनों का निर्माण करा दे तो रोगियों को काफी सुविधा मिल सकती है, साथ ही रेफर होना भी बंद हो जाएगा। यह भी सही है कि भवन के अभाव में चिकित्सकों को भी परेशानी होती है। इस संबंध में पूर्व में विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
गंगापुर सिटी. सामान्यचिकित्सालय की दूसरी मंजिल पर खाली पड़ा बारामदा और सामने बड़े हॉल पर लगा ताला।
राज्यसरकार ने पांच साल पहले सरकारी अस्पताल को सौ बैड से 150 बिस्तरों के सामान्य चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया था लेकिन आबादी बढ़ने के साथ आउटडोर इनडोर पहले से दोगुना हो गया है। इसके चलते अभी भी 100 बेड और बढ़ाने की आवश्यकता है।
इस समय हालत यह है कि चिकित्सालय में 150 बेड कमरों में लगने के बावजूद एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों का उपचार हो रहा है। जबकि अस्पताल में अभी भी 100 बेड लगाने के लिए जगह उपलब्ध है। कमरा नंबर 31 दूसरी मंजिल पर एक बड़ा हॉल खाली पड़ा हुआ है लेकिन इस पर ताला लटक रहा है। हालांकि इस हॉल में कभी कभी बैठकें आयोजित होती हंै। अगर अस्पताल की क्षमता 100 बेड और बढ़ा दी जाए तो चिकित्सकों के अलावा नर्स प्रथम द्वितीय के पद भी बढ़ेंगे तथा लोगों को राहत मिलेगी साथ ही रेफर होने पर ब्रेक लग सकेगा। इसके अलावा चिकित्सालय में नए उपकरण मशीन भी उपलब्ध हो सकेगी।
चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों का भी इस ओर ध्यान नहीं है। दूसरी ओर अस्पताल भवन के आस-पास काफी जमीन बेकार पड़ी है लेकिन विभाग के अधिकारी यहां अस्पताल में आकर निरीक्षण तो कर जाते हैं पर समस्या की तरफ ध्यान नहीं देते हैं।
कक्षएक चिकित्सक तीन
सामान्यचिकित्सालय के चिकित्सक कक्षों की कमी के चलते वर्तमान में एक कक्ष में तीन चिकित्सकों को बैठकर मरीजों को देखना पड़ रहा है। मरीजों की भीड़ के कारण कक्षों की हालत यह हो जाती है कि चिकित्सक कक्षों में अंधेरा सा हो जाता है। कभी कभार चिकित्सक भी परेशान होकर कक्ष छोड़कर इधर-उधर चले जाते हैं। इसके बाद मरीज परेशान होते रहते हैं। डेढ़ सौ बेड का अस्पताल होने पर चिकित्सकों की संख्या में काफी इजाफा होने से परेशानी और बढ़ गई है। भीड़ के कारण रोगी चिकित्सक के बीच निजता भी नहीं रह पाती है। वहीं कार्यालय कर्मियों के लिए भी अलग से कोई कक्ष नहीं होने के कारण उन्हें असुविधा होती है।
चारविधानसभा क्षेत्रों का भार
सामान्यचिकित्सालय में चार विधान सभा क्षेत्रों के मरीज उपचार कराने आते हैं। इनमें गंगापुर सिटी के अलावा बामनवास, सपोटरा, टोडाभीम शामिल हैं। चिकित्सालय में औसतन 1200 से 1600 तक का आउटडोर प्रतिदिन का है जबकि 200 से 250 मरीजों का इनडोर है। मरीजों की भीड़ के चलते चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का आलम रहता है। गंगापुर सिटी की करीब दो लाख की आबादी तीन विधान सभा क्षेत्र के मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार को अस्पताल में बेड बढ़ाने की आवश्यकता है।
उच्चाधिकारियोंको अवगत करा दिया
सामान्यचिकित्सालय गंगापुर सिटी के पीएमओ डॉ. जी.बी.सिंह, का कहना है कि अस्पताल में खाली भूमि है। अगर सरकार इस भूमि दूसरी मंजिल पर भवनों का निर्माण करा दे तो रोगियों को काफी सुविधा मिल सकती है, साथ ही रेफर होना भी बंद हो जाएगा। यह भी सही है कि भवन के अभाव में चिकित्सकों को भी परेशानी होती है। इस संबंध में पूर्व में विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
गंगापुर सिटी. सामान्यचिकित्सालय की दूसरी मंजिल पर खाली पड़ा बारामदा और सामने बड़े हॉल पर लगा ताला।