सोमवार, 4 सितंबर 2017

झुंझूनु जिले की पांच होनहार कायमखानी बेटीया जो तालीम की ताकत पर समाज को नई दिशा दिखा रही

झुंझूनु जिले की पांच होनहार कायमखानी बेटीया जो तालीम की ताकत पर समाज को नई दिशा दिखा रही है।
।अशफाक कायमखानी।
     जयपुर।
                 भारत भर मे बडी तादात मे फोजी देने वाले राजस्थान के झुंझूनु जिले के कायमखानी समाज की पांच बेटीया तालिम की रोशनी से मालामाल होकर सरकार मे आला ओहदा पाकर समाज मे उनको एक आदर्श को तोर पर देखते हुये समाजी की छोटी बहने उनके रास्तो को अपना कर आगे बढने का प्रयत्न कड़ी मेहनत व लगनता के साथ कर रही है।
              हालाकि भारत भर मे मुस्लिम समुदाय को तालिम के क्षेत्र मे अति पिछड़ा समुदाय के तोर पर देखा व माना जाता है। साथ ही महिला शिक्षा मे तो समाज को अक्सर गिनती के बाहर ही कर दिया जाता रहा है। पर राजस्थान का कायमखानी समाज इस तालिमी क्षेत्र मे पुरुषो के मुकाबले महिला शिक्षा की तरफ भी काफी तेजी के साथ पिछले कुछ सालो से कदम बढाने लगा है।
                 कायमखानी समाज की महिला शिक्षा व उससे समाज मे फैलती रोशनी पर ही आज जरा चर्चा करते हुये केवल झुंझूनु जिले पर प्रकाश डालते है। हालाकि कायमखानी बेटीया वेसे तो हर स्तर की सरकारी सेवा मे जाकर वतन की खिदमत हर स्तर पर कर रही है। लेकिन हम उन पांच "पंच प्यारी" कायमखानी बेटीयो तक ही आज सिमित रहते है। जो आज प्रकाशमय होते कायमखानी समाज की प्रेरणा श्रोत बनकर उभरी है।
               एक समय था जब झुंझूनु जिले मे कायमखानी समाज मे बेटीयो को कुछ कक्षा स्तर तक पढाया तो जाता था लेकिन उनको टिचर-कलर्क-पटवारी आदि जोब तक ही सिमित रखा जाता था। लेकिन बेटीयो के लिये फोज जेसे अलग तरह के फिल्ड मे जाकर वतन की खिदमत करने की राह नुआ गावं की लाडली इशरत खान ने फोज मे लेफ्टीनेट कर्नल का ओहदा 15-16 साल पहले पाकर नई राह हमवार की। उसके बाद जाबासर की होनहार बेटी तसनीम खान ने राजस्थान न्यायीक सेवा की अधिकारी बनकर इस क्षेत्र मे पहली बेटी के आने के तोर पर कदम रखा। उसके बाद नुआ की ही गुदड़ी के लाल की तरह सिनियर तक रेग्यूलर पढाई करने के बाद शिक्षा क्षेत्र मे कदम चाल करते रहने पर प्राईवेट आगे की तमाम शिक्षा पाकर तसनीम के रास्ते पर चलते हुये परवीन खान ने राजस्थान न्यायीक सेवा मे कामयाब होकर छोटी समाजी बहनो का होसला अफजाई करते हुये उनको इस सेवा की तरफ फिर से आने के लिये प्रेरीत किया। गावं नुआ तो नुआ ही ठहरा। वहां की बेटी अब कहा रुकने वाली थी। फिर नुआ गावं की बेटी फराह हुसैन ने ऊंची छलांग मारते हुये भारतीय सिविल सेवा परीक्षा मे 268 वी रेक पाकर नया क्रितीमान स्थापित किया।जो आज फराह आयकर विभाग मे आला अधिकारी के मुकाम पर कार्यरत है। छोके पर छक्का ओर छक्के पर छोका मारने की तरह जाबासर की दुसरी बेटी रुखसार ने जल सेना मे आला अधिकारी का पद पाकर फिर से बडी बहनो को सलाम व छोटी बहनो को कुछ कर गुजरने के लिये मन मे पक्का ठान कर उसके मुताबिक शुरुवात से लक्ष्य निर्धारीत करके उसके अनुसार कड़ी मेहनत करने का रास्ता दिखलाया।
           कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान के झुंझूनु जिले के मुस्लिम समुदाय मे नुआ व जाबासर गावं की कायमखानी समाज की पांच बेटीया तसनीम खान, इशरत खान, परवीन खान, फराह हुसैन व रुखसार खान "पंच प्यारे" की तरह एक आदर्श को तोर पर जिला ही नही प्रदेश भर मे देखी जाने लगी है। दुसरी तरफ कुछ ही सालो मे पंच प्यारो की तरह इन पांच बेटीयो के इस तरह सही दिशा मे उभरने के कारण अब समाज की अधिकांश बेटीया इनसे भी बढकर छलांग लगाने का मंसूबा लेकर कड़ी मेहनत कर रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

11 वाहनों का किया चालान

वजीरपुर,  पुलिस थाना वजीरपुर में एमबी एक्ट के तहत 11 वाहनों का चालान किया पुलिस थाना अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा नियम के...