सोमवार, 15 मार्च 2021

11 वाहनों का किया चालान

वजीरपुर,

 पुलिस थाना वजीरपुर में एमबी एक्ट के तहत 11 वाहनों का चालान किया पुलिस थाना अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा नियम के तहत 11 वाहनों का चालान किया गया

जुआ एक्ट में एक गिरफ्तार

 वजीरपुर,  पुलिस ने जुआ एक्ट के तहत एक व्यक्ति को वजीरपुर से गिरफ्तार किया है। पुलिस थाना अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया कि हरि सिंह पुत्र राम चरण कोली उम्र 43 साल जुआ सट्टे का कार्य कर रहा था उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। 

शराब पीकर उत्पात मचाते चार गिरफ्तार

 वजीरपुर, पुलिस ने गश्त के दौरान शराब पीकर उत्पात मचाते 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस थाना अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया की राजेश जाटव राजकुमार बैरवा हेमराज बेरवा राजकुमार जाट को शराब पीकर उत्पात मचा  रहे थे । समझाने पर नहीं माने तो उनको 510 आई पी सी तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 110 लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया

 गुढ़ाचन्द्रजी। 

सरकार द्वारा 60 वर्ष की उम्र के अधिक लोगों के लिए लगाए जा रहे कोरोना के टीकाकरण के तहत शनिवार को कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 110 लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया गया। टीकाकरण में ज्यादा से ज्यादा लोगों को टीका लगाने के लिए शनिवार को नादौती एसडीएम रामनिवास मीणा तहसीलदार हरसहाय मीणा गुढ़ाचंद्रजी ब्लॉक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जगराम मीणा ने क्षेत्र के ताल चिड़ा बाड़ा राजपुर, गिदानी,  राजाहेड़ा, मुहाना भंवरवाड़ा, पाल, लालसर, खेड़ा मालू पाड़ा, बाला खेड़ा सहित गुढ़ाचन्द्रजी मुख्य बाजार, झारंडा चौराहा, खारवाड़वास, बस स्टैंड सहित क्षेत्र के गांवों में घर-घर पहुंचकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा कोरोना वैक्सीन का टीका लगाने के लिए प्रेरित किया। कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को 110 लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लगाया गया।  इस दौरान डॉ डॉक्टर जगराम मीणा डॉ अशोक डॉ राजकुमार मीणा जमुना प्रसाद डॉ आशीष वशिष्ठ, राजाहेड़ा सरपंच प्रतिनिधि तारा सिंह राजाहेड़ा, कांग्रेसी नेता दीपेन्द्र सिंह राजावत डॉ मनमोहन मीणा सहित कंपाउंडर शिवदयाल गुप्ता मनोज मीणा मोहित जैन जॉली जॉर्ज हेमा जांगिड़, योगेंद्र शर्मा, टीटू खटाना, अंकित राजावत, कपिल कुमार, लक्ष्मी कांत शर्मा, मुकेश कुमार मीणा, दिनेश सैनी, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर पार्वती सैन सहित सभी स्टाफ का सहयोग रहा।

इनकम टैक्स की रिटर्न फाइल करने का लास्ट मौका

दौसा।   एसेसमेंट ईयर 2020 - 21 इनकम टैक्स की रिटर्न फाइल करने का लास्ट मौका है। इसमें 31 मार्च तक लेट फीस के साथ रिटर्न फाइल जमा करा सकते हैं।

           आयकर सलाहकार  प्रेमचंद सैनी  "प्रेम एसोसिएट कंपनी, सिकंदरा"  ने बताया की  2020 - 21 के रिटर्न फाइल नहीं करी है, वह 2,50,000 तक बिना लेट फीस के रिटर्न फाइल कर सकते हैं और जिनकी रिटर्न ढाई लाख से ऊपर है वह लेट फीस के साथ रिटर्न जमा करा सकते हैं। 31 मार्च के बाद रिटर्न फाइल नहीं होगी।  जिन भी लोगों का इनकम टैक्स में टीडीएस है वह भी 31 मार्च से पहले आपने रिटर्न फाइल करवा कर उसका रिफंड ले सकते हैं।  साथ ही उन्होंने कहा के इससे आपके फाइनेंसियल मजबूत होंगे एवं फाइनेंस लोन लेने में आसानी होगी।  सैनी ने बताया की जो भी इन्वेस्टमेंट 31 मार्च तक करेंगे, उनका नेक्स्ट ईयर में इनकम टैक्स में डिडक्शन मिलेगा।

रविवार, 14 मार्च 2021

जिला कार्यकारिणी की बैठक जिला अध्यक्ष करौली अमरसिंह मीना की देखरेख मै सपोटरा मै सम्पन्न हुई ।


राजस्थान शिक्षक संघ ,(सियाराम) का प्रांतीय महा समिति अधिवेशन,, जाट धर्म शाला कोलायत रोड   बीकानेर ,,मै दिनांक21मार्च2021को आयोजित किया जायेगा। जिला मंत्री लज्जा राम गुर्जर ने बताया की मुख्य वक्ता प्रशासनिक प्रदेश अध्यक्ष श्री सियाराम शर्मा होगे !


प्रदेश अध्यक्ष माशि रामदयाल अलूदा ने बताया की अधिवेशन मै निम्न बिन्दु ओ पर चर्चा होगी,

शिक्षकों की समस्याओं पर चर्चा ,नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ,स्थानांतरण नीति,आदि पर मुख्य रूप से चर्चा होगी,NPS,संघर्ष समिति भी भी कई निर्णय लेगी,ओर बीकानेर मै कार्यालय खोलने पर भी विचार विमर्श होगा,

ओर प्रांतीय कार्यकारिणी के चुनाव भी सम्पन्न होगे।

आज प्रदेश महासमिति अधिवेशन के पोस्टर का भी विमोचन किया गया है।।


जिलाअध्यक्ष अमरसिंह मीना के नेतृत्व मै दिनांक20.3.21को गाडी से  रवाना होगे , जिला कार्यकारिणी ओर प्रदेश महासमिति के सदस्य भाग लेगे।तेजराम बालोती प्रदेश महामंत्री संस्कृतशिक्षा, शिवचरण जी,प्रदेश पदाधिकारी,सुशील कुमार सिंघल, रामलाल वैष्णव,प्रेमचंद शर्मा, अमित कुमार गोयल ,अशोक कुमार गुप्ता, हरिसिंह बरदाला, कमलेश पालडी,प्रहलाद गुडली,देवेन्द्र चोधरी, सुनील गोयल,आदि पदाधिकारी बीकानेर अधिवेशन मै भाग लेगे।।


रविवार, 25 अक्टूबर 2020

महिलाओं व छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून व्यवस्था करने हेतु दिया ज्ञापन एबीवीपी ने


आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई गंगापुर सिटी द्वारा उप जिला कलेक्टर के रीडर को ज्ञापन सौंपा गंगापुर  सिटी में कुछ दिनों में महिलाओं व छात्राओं के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की ओर आकर्षित करना चाहता है इसी प्रकार एबीवीपी के जिला सह संयोजक सीताराम गुर्जर ने बताया कि कल हायर सेकंडरी में जो दुर्भाग्य पूर्ण घटना होई है  हायर सेकंडरी स्कूल के पार्क में लड़कियों के फोटो खींचकर व सोशल मीडिया पर फोटो डालना यह एक अपराध है  ऐसे युवक पर कार्रवाई की जाए इसी घटना से  महिलाओं व छात्राओं में भय का माहौल बना हुआ है वे सुबह पार्क में व बाजार में निकलने में भी कतश में नाकाम है प्रशासन महिलाओं के भीतर सुरक्षा का अवगत करने में नाकाम है

एकल अभियान करणपुर संच के आचार्यो का सात दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग ,नानपुर गांव में चल रहा है। वर्ग की अध्यक्षता करणपुर संच के अध्यक्ष दीनदयाल शर्मा ने की ।



     वर्ग के मुख्य अतिथि एकल अभियान अंचल समिति करौली के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह मीना ने उपस्थित आचार्यो को सम्बोधित करते हुए कहा कि " हम देश के,देश हमारा" यह भाव जगायेंगे।

  मीना ने कहा कि एकल अभियान पंचमुखी शिक्षा से प्रारंभ हुआ था। शिक्षा के द्वारा जागरूकता का काम हुआ। हमने ग्राम वासियों का विश्वास जीता। इसमें हमें 25 बर्ष का समय लगा। गत 5-6 बर्षों से हम दूसरे चरण में प्रवेश कर रहे है। पांचों योजना की गतिविधि प्रारम्भ हो गई है। 

     मीना ने कहा कि अब हमारी कार्ययोजना है प्रत्येक संभाग ,भाग फिर अंचल और आगे चलकर संच स्तर तक हम ग्रामोत्थान विधालय स्थापित करेंगे। जिसमें युवा पढाई और कमाई एक साथ सीखेंगे तथा  कक्षा 12 तक पढाई कर अपने गांव में ही उपार्जन करने की मानसिकता निर्माण करेंगे।

     मीना ने कहा कि एकल  अभियान ने ग्रामोत्थान योजना बनाई  है इसके लिए ग्रामोत्थान  केन्द्र प्रारंभ करेंगे। हमारे गांव के युवा खेती तथा बाकी समय कुछ उत्पादन की कला में निपुण हो यही हमारा सपना है। उसे नगरों में नौकरी में जितना धन मिलेगा और बचत कर पायेगा उससे कहीं अधिक कमाई वह गांव में ही कर सके। हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार गौमाता बनेगी। गाय गोबर तथा गौमूत्र  ही परिवार के आय का माध्यम बनना चाहिए। जैविक खेती या शून्य बजट प्राकृतिक खेती के अतिरिक्त और कुछ भी स्वीकार नहीं। धरती को रसायन मुक्त बनाना ही हमारा सपना है। हमें ऐसा तंत्र विकसित करेगें जिससे प्रत्येक ग्रामीण के घर की गौमाता का गोबर तथा गौमूत्र प्रतिदिन संग्रह कर उसके  उत्पादों के निर्माण  की व्यवस्था हो। और उसके उत्पाद से ग्रामीण परिवार को परिवार चलाने लायक आय होगी तथा नगरीय समाज का स्वास्थ्य हानिकारक तत्वों से बचायेंगे। पशुपालन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग बनेगा। गांव की समृद्धि ही देश की समृद्धि की पहचान बनेगी। ग्राम स्वराज मंच के जिला महामंत्री विजेन्द्र भारद्वाज ने जैविक कृषि ,गौपालन ,स्वालंबन, स्वदेशी वस्तुओं अपनाने की योजना बताई। प्राथमिक शिक्षा प्रमुख संतोष कुमार ने शिक्षण पर प्रकाश डाला । वर्ग का संचालन करणपुर के संच प्रमुख रामावतार शर्मा ने किया।

ढूंढें और अपनी बुराई को जलाएं - चन्द्रकेतु बेनीवाल


पिछले दशहरे की बात है। हर साल की तरह विजय दशमी को सच्चे और अच्छे मित्रों की एक लघु मण्डली ने घर पर धावा बोला। उनके सौहार्द आगमन की हमें पूर्व आशंका थी। ऐसे में हमने खुद को उनसे मुकाबले के लिए तैयार कर लिया था। स्वागत के लिए चाय के साथ हैसियत के अनुरूप हल्के फुल्के नाश्ते का प्रबंध भी किया। आते ही की गई जलसेवा का जिक्र करना थोडी ओछी बात कहलाएगी, इसलिए हम इसे संदर्भ से बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं। 

आज फिर उसी सालाना पुनीत पर्व से पाला पड़ा है इसलिए बात को घुमावदार रास्ते पर धकियाने के बजाय हम सीधी-सट्ट मूल जड़ को उखाड़ते हैं। मित्रों के आने का उद्देश्य स्पष्ट था। वो इससे पहले भी कई मर्तबा हमें रावण की अंत्येष्टि में शरीक कराने के असफल प्रयास कर चुके थे।  संयोग कह लें या फिर हमारी डीठता कि उन्हें हर बार मुंह की खानी पडी। बार-बार नाकामी हाथ लगने के बावजूद प्रयास का मार्ग नहीं छोडने का कारण हम आज तक नहीं समझ पाए। उन्होंने चलने की जिद में सौगंधों का तड़का देने में भी कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। 

अजीब सी कोशिश के इस दंगल में कौन हारा....कौन जीता...? हमें आज तक समझ नहीं आया लेकिन दांव-पेंच का यह अनौखा खेल पिछले कई वर्षों से अनवरत जारी है। 

वो आते हैं। रामा-कृष्णा होती है। अतिथि देवो भव: की पुरातन संस्कृति के अनुगामी होने के कारण हम हैसियत के अनुरूप आवभगत करते हैं। चाय की चुस्की के साथ वे संयुक्त स्वर में रावण दहन देखने का दुराग्रह करते हैं और प्रत्युत्तर में हम जुबान से ज्यादा सिर हिलाकर दो टूक मना कर देते हैं। ऐसा नहीं है कि मेरे सच्चे और अच्छे मित्र मनाही के तत्काल बाद प्रस्थान कर जाते हैं या फिर बुरा मान जाते हैं। ना वे मु़ंह सिकोडते हैं और ना ही अपना सा मुंह लेकर बाहर का रास्ता नापते हैं। यह परिपाटी अब भी जारी है।

हमें रावण की अंत्येष्टि उर्फ दहन में जाना कतई नहीं सुहाता। इसके पीछे हमारा कोई दुराभाव नहीं, बल्कि तार्किक वजह छिपी है।

हमें स्वीकार है कि प्रभु श्री राम ने आतंक से सदात्माओं को कष्ट पहुंचाने वाले दुरात्मा लंकापति का वध किया था। अग्नि बाण उस वक्त का अमोघ अस्त्र रहा होगा। उसी बाण से नाभि के अमृत कुण्ड को जलाकर प्रभु ने रावण जैसी बुराई को धराशायी कर दिया। तभी से हम रावण को जलाने की लकीर पीटते चले आ रहे हैं। मगर क्यों और कब तक? आदिकाल से चली आ रही यह परिपाटी क्या अनंत तक जारी रहेगी?

तत्समय की उस बडी बुराई को राम जी ने समाप्त कर दिया। बहुत अच्छी बात है। लेकिन साल-दर-साल रावण के पुतला दहन पर अरबों-खरबों रुपए की इस फिजूलखर्ची का अब औचित्य क्या है? प्रदूषण बढता है, सो अलग। मेरे मन में एक प्रश्न काफी समय से उत्तर की प्रतीक्षा में है कि प्रभु श्री राम ने तो उस वक्त पनपी हुई बुराई को खत्म किया था लेकिन तब से आज तक हमारा समाज हर साल बुराई को समाप्त करने के लिए उसे पैदा क्यों करता है? रावण के पुतला निर्माण और दहन के पीछे क्या मकसद है? इससे भी बडा प्रश्न यह है कि हममें से राम कितने हैं? क्योंकि रावण के खात्मे का हक तो सिर्फ राम को ही है। हम क्यों नहीं सोचते कि यदि धू धू करते रावण ने हमसे एक बार भी पूछ लिया कि आपमें से राम कितने हैं तो हम क्या जबाव देंगे? 

शायद मुझे इसी भय के कारण रावण दहन देखने में रुचि नहीं है। क्योंकि मैं राम हो ही नहीं सकता। जब मैं राम नहीं हूं तो मुझे रावण को जलाने का अधिकार कैसे मिल सकता है? दूसरी बात यह है कि बुराई के खात्मे के लिए बुराई के सोलह श्रृंगार किया जाना जरूरी है क्या?

दरअसल हम लकीर पीटने के आदि हो गए हैं। जबकि सच्चाई इससे बहुत परे है। सच बात तो यह है कि विजयादशमी पर्व हमारे भीतर छुपे बुराई रूपी रावण को स्वाहा करने का पुनीत अवसर है। इस दिन हम चाहें तो आत्म चिंतन के सारे पटों को एक साथ खोल सकते हैं। हमने साल भर में क्या खोया और क्या पाया? इस विषय पर आत्म विश्लेषण के लिए इससे अच्छा कोई और पर्व हो ही नहीं सकता। किन्तु खुद के भीतर छुपी बुराइयों को ढूंढने और ढूंढ ढूंढ कर जलाने के बजाय हम ठीक बैसे ही रावण दहन के परम्परागत पाखंड को पोषित कर रहे हैं जैसे पहाड़ पर लगी आग को बुझाने की गुहार करने वाला व्यक्ति खुद के पैरों तले लगी आग को नहीं देख पाता है।

इन्हीं नन्हे विचारों के साथ आप सभी मित्रों को विजयादशमी पर्व की ढेर सारी शुभकामनाएं।


(विशेष : भला हो कोरोना का, जिसने कई युगों पूर्व मारे गए रावण को जलने से बचा लिया, वरना मुझे वाकई बहुत दुख होता। क्योंकि एक प्रश्न मेरे लिए वर्षों से अनुत्तरित है कि त्रेतायुग में अंतिम संस्कार के बाद भी हम उसे पुतला बनाकर हर वर्ष दशहरे पर क्यों जलाते हैं?

11 वाहनों का किया चालान

वजीरपुर,  पुलिस थाना वजीरपुर में एमबी एक्ट के तहत 11 वाहनों का चालान किया पुलिस थाना अधिकारी योगेंद्र शर्मा ने बताया कि सड़क सुरक्षा नियम के...