शिक्षक द्वारा प्रशासन को झूठ बोलना पड़ा भारी
मामला महानंदपुर डोडा में एक शिक्षक जिसका नाम नाम अतीकुर्रहमान व्याख्याता उर्दू, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महानंदपुर डोडा का है। जहां शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन यह शिक्षक जरूरत से ज्यादा समझदार निकला और शिक्षक द्वारा कहा गया था कि मेरी पत्नी की तबीयत खराब होने की वजह से मैं जयपुर रामगंज में स्थित हूं, जोकि जयपुर का एक हॉटस्पॉट बना हुआ है और इस वजह से मैं ड्यूटी पर नहीं आ सकता। जब शिक्षक ड्यूटी पर नहीं आया और 8 दिन बाद जब शिक्षक से वापस से संपर्क किया गया कि आप की ड्यूटी लगाई गई है, तब शिक्षक ने कहा कि मैं गंगापुर में ही मौजूद हूँ और शिक्षक ने महानंदपुर डोडा जाकर ड्यूटी जॉइन कर ली। क्या इस तरह एक शिक्षक को झूठ बोलना शोभा देता है, एक शिक्षक होने के नाते जोकि बच्चों को शिक्षा देखकर उनके भविष्य को बनाते हैं क्या इस समय जब पूरा देश विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है, और इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि शिक्षक द्वारा झूठ बोलना पूर्णतया अनुचित है और इससे साफ जाहिर होता है कि इस शिक्षक ने अपनी दूषित और विकृत मानसिकता ने अपना परिचय दिया है।
जब गंगापुर सिटी प्रशासन को इस बात का पता लगा कि शिक्षक द्वारा झूठ बोला गया है तो गंगापुर सिटी प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए शिक्षक को प्रशासन के द्वारा गंगापुर सिटी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में जांच के लिए भेजा गया और शिक्षक को 14 दिन के लिए आइसोलेशन वार्ड में डाल दिया गया है और जब इस तरह की कार्यवाही की गई तो शिक्षक द्वारा बार-बार कहां जा रहा है कि मैंने झूठ बोला था, अपनी ड्यूटी से बचने के लिए कई बार कई अधिकारियों को सफाई भी देने के बावजूद प्रशासन सतर्कता पर है और प्रशासन के द्वारा उसकी कोई बात नहीं मानी गई और झूठ बोलने की सजा कुछ इस तरह शिक्षक को मिली। शिक्षक द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को भी लिखित में दिया हुआ है कि मैं जयपुर गया ही नहीं गंगापुर में रहकर मैंने झूठ बोला था
मामला महानंदपुर डोडा में एक शिक्षक जिसका नाम नाम अतीकुर्रहमान व्याख्याता उर्दू, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय महानंदपुर डोडा का है। जहां शिक्षक की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन यह शिक्षक जरूरत से ज्यादा समझदार निकला और शिक्षक द्वारा कहा गया था कि मेरी पत्नी की तबीयत खराब होने की वजह से मैं जयपुर रामगंज में स्थित हूं, जोकि जयपुर का एक हॉटस्पॉट बना हुआ है और इस वजह से मैं ड्यूटी पर नहीं आ सकता। जब शिक्षक ड्यूटी पर नहीं आया और 8 दिन बाद जब शिक्षक से वापस से संपर्क किया गया कि आप की ड्यूटी लगाई गई है, तब शिक्षक ने कहा कि मैं गंगापुर में ही मौजूद हूँ और शिक्षक ने महानंदपुर डोडा जाकर ड्यूटी जॉइन कर ली। क्या इस तरह एक शिक्षक को झूठ बोलना शोभा देता है, एक शिक्षक होने के नाते जोकि बच्चों को शिक्षा देखकर उनके भविष्य को बनाते हैं क्या इस समय जब पूरा देश विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है, और इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि शिक्षक द्वारा झूठ बोलना पूर्णतया अनुचित है और इससे साफ जाहिर होता है कि इस शिक्षक ने अपनी दूषित और विकृत मानसिकता ने अपना परिचय दिया है।
जब गंगापुर सिटी प्रशासन को इस बात का पता लगा कि शिक्षक द्वारा झूठ बोला गया है तो गंगापुर सिटी प्रशासन द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए शिक्षक को प्रशासन के द्वारा गंगापुर सिटी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में जांच के लिए भेजा गया और शिक्षक को 14 दिन के लिए आइसोलेशन वार्ड में डाल दिया गया है और जब इस तरह की कार्यवाही की गई तो शिक्षक द्वारा बार-बार कहां जा रहा है कि मैंने झूठ बोला था, अपनी ड्यूटी से बचने के लिए कई बार कई अधिकारियों को सफाई भी देने के बावजूद प्रशासन सतर्कता पर है और प्रशासन के द्वारा उसकी कोई बात नहीं मानी गई और झूठ बोलने की सजा कुछ इस तरह शिक्षक को मिली। शिक्षक द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को भी लिखित में दिया हुआ है कि मैं जयपुर गया ही नहीं गंगापुर में रहकर मैंने झूठ बोला था
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